वंदे भारत ट्रेन से पटना से रांची की सफर 4 घंटे में पूरी हो जाएगी।
पटना। पूर्व-मध्य रेलवे के लिए इस बार बजट में 10 हजार 232 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। बिहार में पहले से ही 74 हजार 880 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। अकेले बिहार की नई-पुरानी रेल परियोजनाओं के लिए आठ हजार 505 करोड़ दिए गए हैं। पटना से रांची, पटना से हावड़ा तथा वाराणसी से गया-धनबाद होते हुए हावड़ा के लिए तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा।
वंदे भारत ट्रेन से पटना से रांची की सफर 4 घंटे में पूरी हो जाएगी। इसे पटना-इलस्लापुर होते हुए रांची के लिए बनी नई लाइन से चलाने की योजना है। इस लाइन से पटना से रांची की दूरी लगभग 50 किमी कम हो जाएगी। अप्रैल के बाद तीनों ट्रेनों का परिचालन कभी भी शुरू किया जा सकता है। जिस लाइन पर कवच और आटोमैटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम का कार्य पूरा हो चुका है, वहां वंदे भारत की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
गया रूट में कार्य पूरा कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय से झाझा स्टेशन तक कवच सिस्टम लगाने काम पूरा हो जाएगा। जहां कवच और आटोमैटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम का कार्य पूरा नहीं हुआ है, वहां वंदे भारत की स्पीड 130 किमी प्रति घंटे होगी। पटना से चल रही जनशताब्दी को पुराने रूट से ही चलाया जाएगा।
मोकामा के पास गंगा में बन रहे महासेतु के लिए पांच सौ करोड़ मिले हैं। अगले वर्ष के अंत तक पुल का निर्माण पूरा कर लेने का निर्देश है।